आगामी उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर बसपा और मुख्य विपक्षी सपा के बीच एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ शुरु हो गई है. दोनों ही दल एक-दूसरे के विधायकों को तोड़कर अधिक शक्तिशाली दिखाने की होड़ में पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं. लेकिन शह-मात के इस खेल में फिलहाल बसपा समाजवादी पार्टी पर भारी पड़ती दिख रही है. शुक्रवार को बसपा ने सपा के आधा दर्जन विधायकों को तोड़ कर पार्टी में शामिल करने का ऐलान किया. सपा के जो विधायक बसपा में शामिल हुए हैं, उनके नाम सर्वेश सिंह सीपू -सगड़ी (आजमगढ़), सुल्तान बेग-कांवर (बरेली), अशोक कुमार सिंह चंदेल-हमीरपुर, संदीप अग्रवाल-मुरादाबाद, सुंदर लाल लोधी -हड़हा (उन्नाव) और सूरज सिंह शाक्य- सकीट (एटा) हैं.
विधायकों के सपा छोड़कर बसपा की सदस्यता लेने के दौरान वरिष्ठ मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और लालजी वर्मा भी उपस्थित रहे. इधर पालाबदल के खेल में बसपा से मात खाई सपा का कहना है कि सत्तारूढ़ दल ने जिन विधायकों को पार्टी से तोड़ने की बात कही जा रही है वह सभी पहले से ही बसपा के साथ हैं. पार्टी इनको टिकट से भी वंचित कर चुकी है. बसपा ने अपनी सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की नीति से साबित कर दिया है कि वह समाज के सभी वर्गो की हितैषी है. एक-दूसरे के विधायकों को तोड़ने की होड़ में समाजवादी पार्टी बसपा के मसौली (बाराबंकी) विधायक फरीद महफूज किदवई, जलालपुर (अंबेडकर नगर) के विधायक शेरबहादुर सिंह और मल्लांवा (हरदोई) के विधायक कृष्णकुमार सिंह उर्फ सतीश वर्मा को पहले ही अपने पाले में कर चुकी है. इससे पहले बसपा ने 4 अगस्त को सपा विधायक संध्या कठेरिया को अपनी तरफ कर लिया था.
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