मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के जीगनी गांव में पंचायत के तुगलकी फरमान के बाद एक दलित परिवार मुसीबत में घिर गया है. इस परिवार का कसूर इतना था कि उसने दबंग जाति से ताल्लुक रखने वाले दो युवकों के खिलाफ पुलिस से शिकायत की थी. इसके बाद दबंगों ने ग्राम पंचायत सभा की बैठक कर इस परिवार को गांव से बेदखल करने का प्रस्ताव पारित कर दिया. तुगलकी फरमान के खिलाफ परिवार एक बार फिर प्रशासन की शरण में है, जिसने इस फरमान को गैर कानूनी बताया है.
विवाद तब शुरू हुआ जब पीड़ित परिवार की लड़की घर से गायब हो गई. परिवार वालों ने अपनी लड़की को बहला-फुसला कर ले जाने के मामले में गांव के ही दबंग परिवारों के दो लड़कों के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करा दिया. हालांकि बाद में लड़की अपनी ही जाति के एक लड़के के साथ बरामद हुई थी. लेकिन इस बीच दोनों लड़कों के नाम प्राथमिकी दर्ज कराए जाने को गांव के सवर्णों ने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया. उनलोगों को यह खुन्नस हो गई कि आखिर दलित जाति का कोई व्यक्ति उनके खिलाफ थाने जाने की हिम्मत कैसे कर सकता है. इस बात से उनको इतना गुस्सा आया कि ग्राम पंचायत की बैठक कर उन्होंने दलित परिवार को गांव से बाहर जाने का फरमान सुना दिया.
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