Sunday, September 25, 2011

मंदिर प्रांगण में दलित को काट डाला

उत्तर प्रदेश के महामाया नगर में दबंगों ने दलित जाति के राजन लाल को मंदिर कैंपस में ही तलवार से काट कर हत्या कर दी. 40 साल के राजन लाल को महज इसलिए मार दिया गया क्योंकि उन्होंने दबंगों द्वारा जातिसूचक गाली देने का विरोध किया था. दंभ में चूर ठाकुर जाति के लोगों को यह नागवार गुजरा कि एक दलित व्यक्ति उन्हें रोक कैसे सकता है. घटना के बाद अपने सात बच्चों को बिलखता लेकर मृतक की विधवा न्याय की आस में दर-दर भटक रही है तो दूसरी ओर अपनी राजनीतिक पहुंच और पैसे के बूते दबंग मामले की लीपापोती में लग गए हैं, जिसमें जिले का पुलिस महकमा भी उनका पूरा साथ दे रहा है. आरोपियों को बचाने के मामले में राज्य के उर्जा मंत्री और बाहुबली बसपा नेता रामबीर उपाध्याय का नाम सामने आया है.
घटना महामाया नगर जिले के थाना सिकंदरा राउफ में बीते 22 अगस्त को जन्माष्टमी को घटी. मृतक की विधवा फूलवती के मुताबिक रात साढ़े नौ बजे सोनू, पिंटू और पल्लू नाम के तीन लोग उसके घर आएं और पूजा देखने के बहाने उसके पति को जबरन घर से बुलाकर पास के जानकी मंदिर ले गए. जानकी मंदिर में जेनरेटर की व्यवस्था में लगा दलित जाति का ही युवक देवेंद्र इस पूरे मामले का प्रत्यक्षदर्शी है. उसके मुताबिक, मंदिर में डीजे चल रहा था. राजन लाल को लेकर मंदिर परिसर पहुंचे लोगों ने राजन से भी नाचने के लिए कहा लेकिन उसने नाचने से इंकार कर दिया. बस दबंग इसी बात से भड़क गए. वो राजन लाल को जातिसूचक गालियां देने लगे. इस दौरान प्रदेश में दलित मुख्यमंत्री होने का गुस्सा भी सामने आ गया. प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक दबंगों ने राजन को गाली देते हुए कहा कि तुमलोगों का दिमाग खराब हो गया है. राजन ने इसका कड़ा प्रतिरोध किया. राजन के विरोध करने से दबंग और चिढ़ गए और सभी मिलकर उसे मारने-पीटने लगे. इससे भी उनका मन नहीं भरा तो दबंगों ने मंदिर में ही रखे तलवार से राजन को काट दिया और उसकी हत्या कर दी.
मामले पर बवाल मचने के बाद अब दबंग अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर बचने की जुगत में जुट गए हैं. यहां तक की मामले के एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी देवेंद्र को भी जान से मारने की धमकी देकर उसे बयान बदलने को मजबूर कर दिया गया है. इसमें पुलिस महकमा भी उनका पूरा साथ दे रहा है. आरोप है कि पुलिस ने इंकाउंटर की धमकी देते हुए देवेंद्र को बयान बदलने को राजी कर लिया है. मृतक की पत्नी के मुताबिक देवेंद्र ने अपना बयान बदलने के लिए पूरे दलित समाज से माफी मांगा है और जान के डर के कारण ऐसा करने की बात स्वीकार की है. इसके बाद अब पुलिस मामले को नया मोड़ देने में जुट गई है. चश्मदीद देवेंद्र के बयान पर पुलिस ने पहले सोनू, पल्लू और चिंटू तीनो के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की थी लेकिन अब सारा दोष पल्लू नाम के व्यक्ति पर डाल कर दो लोगों को छोड़ दिया गया है.
मृतक की पत्नी इस मामले सभी दोषियों को सजा दिलाने की मांग पर अड़ी हुई है. पुलिसिया एफआईआर को उसने पुलिस और आरोपियों की मिली-भगत का नतीजा बताया है और पुलिस द्वारा जबरन अंगूठा लिए जाने का आरोप लगाया है. उसका आरोप है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री रामबीर उपाध्याय आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं. इधर, मृतक राजन को इंसाफ दिलाने की मुहिम को लेकर पूरा दलित समुदाय एक हो गया है. मामले पर चर्चा के लिए जाटव महापंचायत बुलाई गई है. इसमें 25 गांव से तकरीबन 50 हजार लोगों के शामिल होने की खबर है. मामले को लेकर मायावती सरकार और खुद मुख्यमंत्री मायावती पर भी पूरे दलित समाज की नजर टिकी हुई है.

साभारः शिल्पकार टाइम्स

1 comment:

  1. agar dalet aur chamar sarm ki bat ha bhir ambedakar niyam paln karne kya jat hindu mander mat jao hamre dharmic neta amdedakar je the baudh dram ko apnaye the shabhi chamar bhae ak shath baud darm panalo tabhi ham apne lanye jete ge nahe lat jute kate raho be sarm jaushe mau apna badal eshai darm cabul kar liya ha sakun se hu

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