दबंगों के जुल्म और पुलिस की उदासिनता से निराश होकर एक दलित परिवार ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है. इस परिवार की पीड़ा यह है कि दबंगों द्वारा इनका घर हड़प लिया गया है और उनकी बहू-बेटियों को परेशान किया जा रहा है. पुलिस से गुहार करने के बावजूद पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की है. परिवार के मुखिया का कहना है कि जिस मकान में वे बचपन से रह रहे थे, उससे निकाले जाने के बाद उसकी बेटी व बहुओं की इज्जत बचाना मुश्किल पड़ रहा है. उनके साथ मारपीट की जा रही है.
इन हालातों में इस जिंदगी से बेहतर तो मौत ही है. राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के नाम लिखे पत्र में 18 सदस्यों के बैरागी परिवार के मुखिया 70 वर्षीय श्यामलाल ने कहा है कि उसके पिता गांव बधवाड़ी स्थित पंचायती जमीन में मकान बनाकर रहते थे. दिल्ली से सटे गुड़गांव में एक जाति विशेष के दबंग परिवार ने 25 जून की रात उनके घर में घुसकर बहू बेटियों के साथ बदतमीजी करने की कोशिश की गई. विरोध करने पर परिवार के लोगों के साथ मारपीट किया गया. सुबह जब उसने गांव में कुछ लोगों को पीड़ा सुनाई तो दबंगों ने उसके घर में तोडफ़ोड़ की. गाली गलौज और परिवार की महिलाओं को परेशान करना दबंगों का नियम सा बन गया. असल में दबंगों की नियत उस जमीन को हथियाने में थी, जिस पर श्यामलाल जी अपने परिवार के साथ रहते थे. दबंगो का कहना था कि जिस जमीन पर श्यामलाल रहते हैं वो उनके पूर्वजों की जमीन है. पीड़ित परिवार की पैरवी करने वाले वकील दुर्गेश बोकन ने बताया कि इस बीच जब श्यामलाल ने डीएलएफ फेस वन में दबंगों के खिलाफ शिकायत किया तो पुलिस ने दबंगों से मिलकर उल्टे श्यामलाल के खिलाफ ही मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया. इसके बाद आरोपियों ने पीडि़त परिवार को घर से बेघर कर दिया. इस अत्याचार के खिलाफ श्यामलाल ने 19 जुलाई को उपायुक्त कार्यालय में शिकायत दी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. चारो ओर से निराश होने के बाद श्यामलाल ने राष्ट्रपति से पूरे परिवार सहिंत इच्छा मृत्यु की मांग की है.
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