Tuesday, September 13, 2011
कानपुर मेडिकल कॉलेज में 29 छात्र फेल, 25 दलित
कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में पिछले दिनों हुई परीक्षा में 29 छात्रों के फेल होने की खबर है. इनमें 25 छात्र दलित हैं. इस सच्चाई के बाहर आने के बाद हंगामा मच गया है. फेल हुए छात्रों ने अपनी कांपियां दुबारा जांचने की मांग की है. वहीं तीन छात्रों के आत्महत्या किए जाने की कोशिश को भी जातिवाद से ही जोर कर देखा जा रहा है. एमबीबीएस प्रथम वर्ष के इन छात्रों ने बायोकेमेस्ट्री विषय में फेल होने के कारण आत्महत्या का प्रयास किया था. जीएसवीएम के प्रिसिंपल आनंद स्वरूप ने भी माना कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष के बायोकेमिस्ट्री के पेपर में कुल 29 छात्र फेल हुए हैं, जिनमें से 25 छात्र दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं. फेल छात्रों तथा उनके परिजनों ने कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलकर मांग की है कि उनकी बायोकेमिस्ट्री विषय की कॉपियों की जांच दोबारा करवाई जाए. गौरतलब है कि एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के तीन छात्रों शोभित, संजीव कुमार और विवेक ने दो सितंबर को देर रात नींद की गोलियां खा लीं थी. तीनों छात्र ब्वायज हास्टल वन में रहते थे. देर रात जब हास्टल में उनके सहयोगी छात्रों को पता चला तो वे उनके कमरे का दरवाजा तोड़ कर अंदर घुसे और इन तीनों को बेहोश पाया. बाद में तीनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें दो दिनों के बाद ठीक होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया.
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मित्र मैं भी एक दलित हु पर अब हमें आरक्षण का लाभ लेना बंद करना चाहिए और पृथक निर्वाचन का उपयोग करना चाहिए आरक्षण से अब हमारी संघर्ष करने की क्षमता पे बुरा प्रभाव पड़ रहा है,,,,,,अब हमें सोचना चाहिए की कब तक हम भीख की जन्दगी जियेंगे....अब हमें और आगे बढ़ना है इसके लिए इस आरक्षण नाम की बैशाखी को छोड़ के अपने दोनों पैर से दौड़ना पड़ेगा...
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