Thursday, March 31, 2011

खेल में दलित जीता तो दंबगों ने की मारपीट

जब सारा देश भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे सेमीफाइनल मुकाबले के खुमार में डूबा हुआ था, उसी वक्त एक दलित खिलाड़ी राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में अपनी फरियाद लेकर पहुंचा था. गांव के ही एक दबंग समुदाय के पहलवान को पटक देने के कारण दलित पहलवान और उसके पूरे परिवार के साथ मारपीट की गई थी. पुलिस की शरण में जाने पर अब परिवार पर समझौता के लिए दबाव बनाया जा रहा है, साथ ही समझौता नहीं करने पर अंजाम भुगतने और मिर्चपुर जैसा दूसरा कांड करने की धमकियां मिल रही है.

घटना रोहतक जिले के बोरम गांव की है. आयोग पहुंचे लोगों ने बताया कि 19 मार्च को गांव में कुश्ती थी. एक कुश्ती वाल्मीकी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले अमित और गुर्जर समुदाय के पैना पहलवान के बीच हुई. इसमें अमित पहलवान ने पैना पहलवान को पटक दिया. गांव के गुर्जरों और जाटों को यह बात हजम नहीं हुई कि वाल्मीकी जाति के एक पहलवान ने गुर्जर को हरा दिया. कुश्ती के तुरंत बाद मारपीट की नौबत आ गई लेकिन गांव वालों की मौजूदगी में तब मामला टल गया. लेकिन जाट और गुर्जर इस हार को पचा नहीं पाए. दूसरे दिन 20 मार्च को जब अमित अपने कुछ दोस्तों के साथ बाइक से जा रहा था तो गुर्जर और जाटों ने रास्ते में घेरकर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. घरवाले घायलों को करनौल के सरकारी अस्पताल ले गए लेकिन इनकी स्थिति देखकर उन्हें पीजीआई रोहतक में रेफर कर दिया गया. उधर उसी दिन शाम को जाटो और गुर्जरों ने हथियारों से लैस होकर एक बार फिर वाल्मीकी बस्ती पर हमला कर दिया और महिलाओं और घर पर मौजूद अन्य लोगों से मारपीट की. वो उन्हें तब तक मारते रहे, जब तक की वो बेहोश न हो गए.

अपने साथ दुबारा हुई मारपीट के बाद वाल्मीकी समुदाय के लोगों ने कलानौर के थानाध्यक्ष से मिलकर इसकी शिकायत की. लेकिन उसने मामला दर्ज करने से मना कर दिया. पीड़ित वाल्मीकियों ने इस संबंध में रोहतक के एसपी और आईजी से भी मुलाकात की लेकिन दबंगों के संरक्षक बनकर बैठे पुलिस वालों ने कोई कार्रवाई नहीं की गई. यहां तक की उन्होंने देर शाम को वाल्मीकी बस्ती में गुर्जरों और जाटों द्वारा किए जाने वाले मारपीट की एफआईआर तक लिखने से मना कर दिया. और तो और अमित पहलवान के साथ मारपीट की जो पहली रिपोर्ट लिखी गई है, उसमें पुलिस ने मुख्य अभियुक्त का नाम नहीं लिखा है. इधर, मामले को बढ़ता देख दबंगों ने अब वाल्मीकी समुदाय के लोगों को धमकाना शुरू कर दिया है. इन लोगों को मामले में समझौता करने के लिए हर रोज धमकियां मिल रही हैं. ऐसा नहीं करने की स्थिति में उनसे अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा जा रहा है. आयोग पहुंचे वाल्मीकी समुदाय के लोगों ने बताया कि जाट और गुर्जर समुदाय के लोग वाल्मीकी बस्ती में आकर मिर्चपुर जैसा दूसरा कांड करने की धमकी दे रहे हैं. इससे समुदाय के लोग बहुत डरे हुए हैं और उन्होंने आयोग के वाइस चेयरमैन राजकुमार वीरका से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है.

3 comments:

  1. ये जरूर किसी मुल्ले की चाल है ,,,वही बेचारे दलितों को भडकाते हैं वेदों में ऊं नीच को कर्म से जोडा गया है जन्म से नहीं जैसे बाल्मीकी ने रामायण लिखी जो दलित थे ;;राम ने शबरी के झुठे बेर खाये जो दलित थी ,,,अरब से आये मुल्ले दलितों को बहका कर अपने में मिला लेते है जो बहकावे में नहीं आते उन्हे मार काट देते है याद रखो सबसे अच्छा सबसे सच्चा और सबसे महान वैदिक धर्म है ,,,,और रही ऊँच नीच की बात वो किस धर्म में नही है या किस देश मे नहीं है ये सदा रही है सदा रहेगी,,,और इंसान ऊँचा नीचा कर्म से होता है जन्म से नहींं उदाहरण के तौर पर आज भी कितने ही दलित बडी पोस्टों पर है अपने कर्मो के दम पर ,,,वैदीक ज्ञान ही सबसे महान है उसमें ही जीवन को बारीकी से समझाया गया है इसलिए भारत इतना खुशहाल था मुल्लो के आने से पहले ,,,मुस्लिम धर्म मे समानता और भाई चारा सिर्फ बोलने की बात मुस्लिम देशो की दुर्गती देखो सब समझ आ जायेगा

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  2. ये जरूर किसी मुल्ले की चाल है ,,,वही बेचारे दलितों को भडकाते हैं वेदों में ऊं नीच को कर्म से जोडा गया है जन्म से नहीं जैसे बाल्मीकी ने रामायण लिखी जो दलित थे ;;राम ने शबरी के झुठे बेर खाये जो दलित थी ,,,अरब से आये मुल्ले दलितों को बहका कर अपने में मिला लेते है जो बहकावे में नहीं आते उन्हे मार काट देते है याद रखो सबसे अच्छा सबसे सच्चा और सबसे महान वैदिक धर्म है ,,,,और रही ऊँच नीच की बात वो किस धर्म में नही है या किस देश मे नहीं है ये सदा रही है सदा रहेगी,,,और इंसान ऊँचा नीचा कर्म से होता है जन्म से नहींं उदाहरण के तौर पर आज भी कितने ही दलित बडी पोस्टों पर है अपने कर्मो के दम पर ,,,वैदीक ज्ञान ही सबसे महान है उसमें ही जीवन को बारीकी से समझाया गया है इसलिए भारत इतना खुशहाल था मुल्लो के आने से पहले ,,,मुस्लिम धर्म मे समानता और भाई चारा सिर्फ बोलने की बात मुस्लिम देशो की दुर्गती देखो सब समझ आ जायेगा

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