Tuesday, October 18, 2011
बहुजन समाज का बहुजन धाम
सदियों से साजिश के तहत दबा कर रखा गया वंचित तबका जब अपने आत्मविश्वास को हासिल करता है तो वह क्षण बड़ा अद्भुत होता है. शुक्रवार को गौतम बुद्ध नगर के नोएडा में ऐसा ही पल था, जब उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने 33 हेक्टेयर में बने राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल एवं ग्रीन गार्डेन का उद्घाटन किया. इस पल के गवाह बहुजन समाज के हजारों लोग बनें. लेकिन हजारों की भीड़ होने के बावजूद वहां एक अजब सी खामोशी थी. या शायद वह सकून था, जब लब खामोश थे और आंखे सारा माजरा अपने में समेट रही थी. जैसे इस समाज को यकीन ना हो रहा हो कि यह सचमुच में हो रहा है. राष्ट्रीय दलित स्मारक नाम के इस भवन में वंचित समाज के सभी मसीहा को सम्मान के साथ एक धरोहर की तरह रखा गया है. इस पार्क के तीन हिस्से हैं. पार्क के बीच में बड़ा सा स्तूप है. मुख्य बौद्धिक स्तूप के नीचे विशालकाय पत्थरों में मायावती की जीवनगाथा उकेरी गई है. मुख्य भवन के अंदर बहुज नायकों की प्रतिमाएं हैं.
जब से बहुजन समाज के इस ‘धाम’ के बनने की शुरुआत हुई, तभी से इसको लेकर क
ई तरह के विरोध का सामना करना पड़ा. 700 करोड़ के इस स्थल को बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की की मुख्यमंत्री की भी कम आलोचना नहीं हुई. लेकिन इन तमाम आलोचनाओं का जवाब भी वंचित तबके के एक सामान्य से युवा ने दे दिया. जब एक टीवी रिपोर्टर ने उससे इस पर खर्च हुए पैसों की बात पूछी तो उसने साफ कहा कि यह हमारे पूर्वजों का सम्मान है. अब तक इन्हेेरिडयन के बगल में जनपथ रोड पर पांच फ्लैट दे दिया और जिस पर भव्य पुस्तकालय बनाना था, वह अभी तक क्यों नहीं बन पाया है. जिस दिल्ली में देश के एक बड़े तबके के रहनुमा भारत रत्न बाबा साहब अंबेडकर ने अंतिम सांस ली, उन्हें कांग्रेस की सरकार या फिर भाजपा की सरकार ने क्या सम्मान दिया. आप दिल्ली के लुटियन जोन में जाइए, यहां ऐरे-गैरे नेताओं और अंग्रेजों के नाम तक पर सड़कें हैं लेकिन बाबा साहब या फिर फुले, नारायण गुरु और पेरियार के नाम पर आपको शायद ही कोई सड़क दिखे. एक सवाल और है, राजीव गांधी तक को भारत रत्न अवार्ड (हालांकि इस पर मेरा मतभेद नहीं है) दे देने वाली कांग्रेस बाबा साहेब जैसे कही कद्दावर व्यक्तित्व को भारत रत्न का अवार्ड देने से क्यों बचती रही? सवाल कई हैं जो उठेंगी. जहां तक पार्क पर खर्च हुए पैसों की बात है तो इस देश में सरकारें जो टैक्स लेती हैं, उसका एक बहुत बड़ा हिस्सा बहुजन समाज भी देता है. इस बहुजन समाज को इस स्मारक पर कोई ऐतराज नहीं. जिन्हें ऐतराज है, वो हमारे ठेंगे पे. ऐसे पार्क और बनने चाहिए.
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सवर्णों की ऐसी की तैसी.....आजतक इन्होने किया ही क्या है बहुजन समाज के लिए.....मायावती roxxxxxxxxxxxxxx ........ऐसे ऐसे सवर्ण नेताओ के नाम पे स्मारक बनी हुई है जिन्होंने भ्रसटाचार पे चार चाँद लगा दिया है तो इन बेचे दलित महापुरुषों के मूर्तियों पे इन सवर्णों के पिछवाड़े पे आग क्यों लगती है ?
ReplyDelete, इस देश में जो गन्दी राजनीति चल रही है उसके अनुसार तो मुश्किल लग रहा ये छूआछूत व जातिपात समाप्त होना
ReplyDeletekhuda ne aaj tak us kom ki halat nahi badli, nahi jisko khyal aap apni halat ke badlne ka... well done bahan ji
ReplyDeletesavarno ki mansikta gandi thi, gandi hai, aur gandi hi rahegi......hame apna kaam bagair kisi arop ko dhyan me diye bagair karna hai, jai bhim, jai kanshiram, I salute bahin ji, bahin ji zindabad, jai prabuddh bharat
ReplyDeleteabhi to kuch nhi hua hai. bhut hona baki hai
ReplyDeleteहाँ बहुत ही अच्छा है। हम बनंते समय गए थे। ऐसे तो पुरे देश में बनना चाहिए। इसके बनने से दलित वर्ग में जागरूकता आएगी।
ReplyDeleteहाँ बहुत ही अच्छा है। हम बनंते समय गए थे। ऐसे तो पुरे देश में बनना चाहिए। इसके बनने से दलित वर्ग में जागरूकता आएगी।
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